breast sucking stories इन फॅमिली की जो कहानी मैं आपके साथ शेयर करने जा रहा हूं, वो एक अन्तर्वासना फैमिली सेक्स स्टोरी नहीं मेरी जिंदगी का एक हिस्सा है। मैंने मेरी चाची की चूत और गांड मारी.
हाय दोस्तो, मेरा नाम गौरव है. मैं 25 साल का हूँ और गुजरात के अहमदाबाद का रहने वाला हूँ.
ये हार्ड सेक्स इन फॅमिली कहानी 3 साल पहले की है, मेरी और मेरी चाची जी की.
पहले मैं अपने बारे में बता दूँ.
मेरी हाइट 6 फुट 2 इंच है और मैं औसत दिखने वाला बंदा हूँ.
हमारा परिवार एक संयुक्त परिवार है.
आज मैं आपको इस कहानी में बताऊंगा कि कैसे मैंने अपनी चाची के साथ चुदाई के मजे लिए!
चाची मतलब हमारी चाची जी!
पहले मैं उनके बारे में कभी बुरा नहीं सोचता था. पर एक रात मुझे सपना आया कि मैं अपनी चाची की कमीज़ में हाथ डालकर उनके निप्पल्स दबा रहा हूँ!
ऐसे ही कई बार मुझे सपने आने लगे कि कभी उनकी गांड मार रहा हूँ, कभी चुत गांड चाट रहा हूँ … वगैरह-वगैरह.
तब से मेरा मन उनके प्रति बदलने लगा.
मैं उन सपनों को सोचकर कई बार मुठ मारने लगा.
ऐसे ही चलता रहा.
एक बार हमारा पूरा परिवार एक ही कमरे में सोया हुआ था.
मैं चाची के पास सो रहा था.
मैं आपको बता दूँ की मुझे boob suck stories पढ़ने में भी दिलचस्पी है !
अचानक मैंने अपना हाथ उनकी कमर पर रख दिया.
उनका कोई रिएक्शन नहीं हुआ.
मैंने हिम्मत करके उनकी कमीज़ हटाकर फिर से कमर पर हाथ रखा, पर फिर भी कोई रिएक्शन नहीं.
तो मैं धीरे-धीरे ऊपर की ओर हाथ फेरने लगा.
मैंने उनके बूब्स दबाने शुरू कर दिए, फिर निप्पल्स सहलाने लगा.
मेरे अन्दर डर भी लग रहा था.
मैं रुकने वाला था पर चाची का कोई रिएक्शन न होने से मेरी हिम्मत बढ़ने लगी.
तब मैं धीरे-धीरे अपना हाथ उनकी सलवार तक ले गया.
मैंने उनका नाड़ा खोला और पैंटी के अन्दर हाथ उनकी चूत पर ले गया.
उनकी चूत पूरी तरह बालों से भरी थी.
धीरे-धीरे मैंने उनकी चूत में उंगली की, तो उनका पानी निकला हुआ था.
यह देख कर मुझे लगा कि चाची जी को कुछ कुछ हो रहा है.
मगर मेरे दिमाग में डर भी लग रहा था.
उसी वक्त उन्होंने मेरे हाथ को पकड़ लिया. मेरी गांड फट गई कि यह तो गड़बड़ हो गई.
मैंने झटके से हाथ को बाहर निकाला और अलग हो गया.
चाची ने आंखें मूँदे रखीं और वे सोती रहीं.
मैंने कुछ देर यूं ही लेट कर सोचा कि चाची जी की चुत गीली थी तो क्या वे गर्म हो रही थीं.
यदि हां तो उन्होंने मेरा हाथ बाहर क्यों निकाला!
कुछ पल बाद मैंने मामले को रफा-दफा करने की नीयत से सोचा और चाची को जगाया.
वे बोलीं- हुं … क्या है?
मैंने कहा- एक मिनट आप बाहर आओ न!
वे मेरे कहने पर बाहर आ गईं.
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डर के मारे मैं उनके पैर पकड़ कर माफी माँगने लगा- मुझसे गलती हो गई! मुझे माफ कर दो! मैं नींद में था, मुझे पता नहीं चला!
लगभग 5 मिनट तक गिड़गिड़ा कर मैंने माफी माँगी.
उन्होंने कहा- कोई बात नहीं! नींद में पता नहीं चला होगा तुम्हें, इसमें तुम्हारी क्या गलती!
फिर वे अन्दर चली गईं और मैं भी उनके बाजू में लेट गया. वे हमें अपने सीने से लगा कर सोने लगीं और मैं भी सो गया.
इसके बाद मैंने एक महीने तक डरते-डरते उनसे बात तक नहीं की कि कहीं वे किसी को कुछ बता न दें.
ऐसे ही कुछ माह निकल गए.
एक बार हमारी फैमिली किसी फंक्शन में बाहर जाने वाली थी.
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चाची और चाचा को भी कहीं जाना था, वे भी नहीं गए.
तो हम तीन लोग घर पर थे.
उस वक्त मैं अपने कमरे में पढ़ रहा था.
चाचा ने अपना कमरा बंद कर लिया.
खिड़की और दरवाजे की कुंडी लगा दी और परदे भी डाल दिए.
मुझे लगा कि अब तो घपाघप होगा!
फिर 20 मिनट बाद उन्होंने दरवाजे वगैरह खोल दिए.
चाची गुस्से में थीं और कमरे से बाहर निकल कर ऊपर मेरे कमरे में आ गईं.
वे भुनभुनाती हुई बोलीं- मैं यहां सोना चाहती हूँ! तुम कुछ देर रुककर पढ़ लेना!
मेरी समझ में नहीं आया कि रुक कर क्या पढ़ लेना. अभी क्या काम आ गया है चाची जी को!
मैंने कहा- ठीक है!
मुझे समझ आ गया था कि चुदाई तो हुई, पर चाची को संतुष्टि नहीं मिली.
वे अभी भी गर्म थीं.
मैंने कमरे की लाइट बंद कर दी.
मैं और चाची दोनों कमरे में सो गए.
कुछ देर बाद मैं पेशाब करने के लिए उठा.
मैंने चाची को देखा, वह गहरी नींद में सो रही थीं.
पेशाब करके मैं कमरे में आया, दरवाजे की कुंडी लगाई और शर्ट उतार कर सिर्फ चड्डी में सो गया.
मैंने सोचा कि क्यों न मौके का फायदा उठाया जाए!
सबसे पहले मैंने चाची के पैरों पर हाथ रखा.
उनके पैरों से उनकी सलवार ऊपर करने लगा.
वे भी पैर मारने लगीं, क्योंकि लोहा अभी गर्म ही था, ठंडा नहीं हुआ!
मैंने उनकी कमीज़ उठाकर पहले की तरह उनकी कमर पर हाथ रखा.
वे कुछ नहीं बोलीं.
धीरे-धीरे मैं अपने एक हाथ को उनके बूब्स की तरफ ले गया.
आज उन्होंने ब्रा पहनी थी, तो मैंने उनके बूब्स हल्के-हल्के दबाए.
जब उनकी तरफ से कोई प्रतिरोध नहीं हुआ तो मैं उनकी ब्रा की स्ट्रिप्स हटाने लगा.
तभी उनकी तरफ से कुछ हलचल हुई, तो मैंने अपना हाथ बाहर निकाल लिया.
चाची मेरी ओर पीठ करके सो गईं.
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मैं समझ गया था कि वे पूरा साथ दे रही थीं.
वे लंड की प्यासी थीं पर कहने से हिचक रही थीं.
मैंने उनकी पीठ की कमीज़ से हाथ डालकर ब्रा खोल दी.
अब वे सीधी हो गईं तो मैं उनके निप्पल्स दबाने लगा और बूब्स को जोर-जोर से प्रेस करने लगा.
वे पैर रगड़ने लगीं.
फिर मैंने उनकी सलवार का नाड़ा खोलकर सलवार कुछ सरका दी और उनकी चूत में उंगली करने लगा.
चुत रस से भरी हुई थी.
वे धीमी आवाज में सिसकारियां लेने लगीं- आह्ह्ह उफ्फ्फ आह्ह्ह्ह … उईईई!
मैंने उनके कान में कहा- कमरे की कुंडी लगा दे रहा हूँ आप खड़ी हो जाओ, अच्छे से सेक्स करेंगे!
मुझे यह सब बिलकुल एक kamvasna kahani की तरह लग रहा था !
वे शर्माती हुई खड़ी हो गईं.
मैं दरवाजे लगा कर आया और उन्हें हग करके किस करने लगा.
उनके गाल दबाने लगा, फिर उनकी गर्दन पर किस शुरू कर दी.
वे पूरी तरह गर्म हो चुकी थीं.
मैंने उनके एक निप्पल को मुँह में लेकर चूसना शुरू किया और काटने लगा, दूसरे हाथ से उनके बूब्स दबाने लगा.
वे ‘आह्ह आह्ह!’ कर रही थीं.
धीरे-धीरे कमर पर किस करते हुए मैंने उन्हें बेड पर लिटा दिया.
उनकी टांगें खोलकर उनकी चूत चाटने लगा.
उन्होंने मेरे बाल पकड़े और मेरा मुँह अपनी चूत में पूरा दबा लिया.
उनकी टांगें मेरी पीठ पर थीं.
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मेरा मुँह उनकी चूत और टांगों के बीच था.
मैंने चाटना जारी रखा और उंगली भी करने लगा.
तभी उनका मूत निकल गया.
मैंने मुँह हटा लिया.
वे अपनी नंगी चुत को पानी से साफ करके वापस मेरे सामने आ गईं.
मैंने खड़े होकर उन्हें अपना लंड दिखाया.
तो चाची ने मेरे लंड को 15 मिनट तक लगातार चूसा.
अब वे बोलीं- आ जा मजा करते हैं.
मैंने कहा- ओके!
वे लेट गईं और मैंने पोजीशन बना कर अपना लंड उनकी चूत में डाल दिया.
वे आह करके लंड को चुत में समायोजित करने लगीं.
मैं धक्के मारने लगा, तो लंड ने चुत से दोस्ती कर ली और धकापेल चुदाई चल निकली.
वे भी लंड से चुदवा कर पूरी तड़प निकालने लगीं और अपनी गांड उठा कर लंड से लोहा लेने लगी.
चाची जी ‘उफ उफ्फ्! आह्ह्ह! आह्ह्ह!’ की आवाजें निकालने लगीं.
उनकी गर्म सांसों और आवाजों को सुनकर मुझमें और जोश बढ़ने लगा.
फिर मैंने चाची को अपने ऊपर बिठाया और वे लौड़े की सवारी करने लगीं.
उन्हें इस आसन में चुदवाने में बड़ा मजा आ रहा था.
वे मेरे सीने पर अपनी चूचियाँ लटका कर लंड से चुत रगड़वा रही थीं.
मैं उनके बूब्स से खेलने लगा. एक को दबाने लगा, दूसरे को चूसने लगा.
फिर मैंने चाची से कहा- अपनी ब्रा पहन लो!
वे बोलीं- क्यों?
मैंने कहा- अब मुझे घोड़ी की सवारी करनी है! ( hindi hot kahani )
वे खुद बोलीं- छेद बदल कर करना!
मैं खुश हो गया कि चाची गांड मारने की कह रही हैं!
फिर मैंने उनकी ब्रा की तनी पकड़ कर पीछे से लगातार 15 मिनट उनकी गांड मारी, चाची को घोड़ी बनाकर चोदा।
बाद में जब मैं झड़ने को आया तो उन्होंने मेरा लंड अपने मुँह में लिया और सारा माल निगल लिया.
हम दोनों ने सुबह होने तक 4 बार हार्ड सेक्स किया.
सुबह मैंने चाची जी पूछा- अब संतुष्ट हो?
उन्होंने कहा- हां सच में … आज ही मुझे असली मजा मिला है!
यह सुनकर हम दोनों हंसने लगे.
उसके बाद मैंने चाची जी को बहुत बार चोदा.
अभी भी मैं उनकी चुदाई का मजा लेता रहता हूँ.
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